आमदनी बढ़ाने के लिए NRI ने अपनाई ये ट्रिक, आप भी कर सकते हैं अपनी कमाई दोगुनी
प्रॉपर्टी से मुनाफा कमाने वालों में सिर्फ देश में रहने वाले लोग ही नहीं बल्कि विदेश में जा बसे अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी शामिल हैं. NRI किराये से आय के लिये संपत्ति में निवेश करते हैं.
एनआरआई सस्ते आवासों में निवेश को अपना रहे हैं क्योंकि उनसे किराये की आय बेहतर होती है साथ ही उनका मूल्य भी बेहतर बढ़ता है.
एनआरआई सस्ते आवासों में निवेश को अपना रहे हैं क्योंकि उनसे किराये की आय बेहतर होती है साथ ही उनका मूल्य भी बेहतर बढ़ता है.
प्रॉपर्टी हमेशा प्रॉफिट का सौदा रही है. हालांकि इन दिनों प्रॉपर्टी पर मंदी छाई हुई है, लेकिन केवल खरीद-बेच कर ही प्रॉपर्टी से कमाई नहीं की जा सकती है. और भी तरीके हैं जमीन से अपनी आमदनी बढ़ाने के. और विदेशों में जा बसे भारतीयों के लिए तो इन दिनों प्रॉपर्टी एक अच्छी कमाई का सबसे बढ़िया जारिया बनी हुई है.
प्रॉपर्टी से मुनाफा कमाने वालों में सिर्फ देश में रहने वाले लोग ही नहीं बल्कि विदेश में जा बसे अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी शामिल हैं जो कि किराये से आय के लिये संपत्ति में निवेश करते हैं. रीयल्टी उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि किराये से आय के लिए अनिवासी भारतीय भी देश के रीयल एस्टेट बाजार में निवेश के विकल्प को अपना रहे हैं.
संपत्ति सलाहकार कंपनी एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट के अनुसार एनआरआई की क्रयशक्ति अधिक होती है. वह सस्ते आवासों में निवेश को अपना रहे हैं क्योंकि उनसे किराये की आय बेहतर होती है साथ ही उनका मूल्य भी बेहतर बढ़ता है.
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सर्वेक्षण के अनुसार सस्ते आवासों की कीमत में आठ से दस प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद होती है जबकि मध्यम श्रेणी के मकानों की कीमतों में छह से आठ प्रतिशत और लक्जरी आवासों की कीमत में तीन से पांच प्रतिशत वृद्धि की ही संभावना रहती है.
विशेषज्ञों के अनुसार वर्ष 2015 में रीयल एस्टेट क्षेत्र में मंदी आने से पहले आवासीय संपत्ति में निवेश का एनआरआई को बेहतर रिटर्न मिला. हालांकि, मंदी के बाद नोटबंदी, रेरा और जीएसटी की वजह से एनआरआई का रुख बदला और अब वह वाणिज्यिक संपत्तियों में ज्यादा निवेश कर रहे हैं क्योंकि इनमें रिटर्न की संभावना बहुत ऊंची रहती है.
04:08 PM IST